माला फेरो ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
रोटी खावे तो,
मुखड़ो जी दुखे,
हलवो खावे तो,
घणा राजी,
मारा बूढ़ा माजी,
माला फेरों ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
मन्दिर जावे तो,
पगल्या जी दुखे,
घर घर फरवा में,
घणा राजी,
मारा बूढ़ा माजी,
माला फेरों ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
गीता पड़े तो,
आंख्या जी दुखे,
टीवी देखे तो,
घणा राजी,
मारा बूढ़ा माजी,
माला फेरों ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
माळा फेरे तो,
हाथ गणा दुखे,
रुपिया गीणे तो,
घणा राजी,
मारा बूढ़ा माजी,
माला फेरों ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
माला फेरो ने राजी राजी,
मारा बूढ़ा माजी।।
स्वर – अलका जी शर्मा।
प्रेषक – कुलदीप मेनारिया,
आलाखेड़ी 9799294907