मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
तर्ज – दिल लूटने वाले।
सूरज में मिले चंदा में मिले,
तारों में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
सूरज में मिले चंदा में मिले,
तारों में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
ऐ भक्तो तुम बढ़ते जाओ,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं,
श्री राम राम कहते जाओ,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
मंदिर में मिले गिरिजा में मिले,
गुरूद्वारे में मिलेंगे कही ना कही,
मंदिर में मिले गिरिजा में मिले,
गुरूद्वारे में मिलेंगे कही ना कही,
बस राम नाम रटते जाओ,
श्री मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
गंगा में मिले यमुना में मिले,
त्रिवेणी में मिलेंगे कहीं ना कही,
गंगा में मिले यमुना में मिले,
त्रिवेणी में मिलेंगे कहीं ना कही,
बस प्रेम से सब रटते जाओ,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
मथुरा में मिले काशी में मिले,
अयोध्या में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मथुरा में मिले काशी में मिले,
अयोध्या में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
सियाराम राम रटते जाओ,
श्री मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
रामायण में मिले गीता में मिले,
बाइबिल में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
रामायण में मिले गीता में मिले,
बाइबिल में मिलेंगे कहीं ना कहीं,
बस प्रेम से सब रटते जाओ,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
मन धीर धरो घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
भगवान मिलेंगे कहीं ना कहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं,
मन धीर धरों घबराओ नहीं,
श्री राम मिलेंगे कहीं ना कहीं।।
गायक – श्री रामवतार जी शर्मा।
प्रेषक – वीरेंद्र सिंह कुशवाह
8770536167