मन की बाता श्याम ने,
बताकर देख ल्यो,
सुणसी सुणसी सांवरो,
सुणाकर देख ल्यो।।
देख्या कोणी जावे है,
भक्ता रा दुखड़ा,
मोड़ देवे दुखड़ा रा मुखड़ा,
भाव भारी तालियाँ,
बजाकर देख ल्यो,
सुणसी सुणसी सांवरो,
सुणाकर देख ल्यो।।
बांझल्या रा पालणा,
झुलावे सांवरो,
पांगल्या ने द्वार पे,
नचावे सांवरो,
एक बार हाथ ने,
उठाकर देख ल्यो,
सुणसी सुणसी सांवरो,
सुणाकर देख ल्यो।।
लूले से भी तालियाँ,
बजवावे सांवरो,
गूंगे से भी भजन,
गवावे साँवरो,
‘शुभम रूपम’ थे,
अर्जी लगाकर देख ल्यो,
सुणसी सुणसी सांवरो,
सुणाकर देख ल्यो।।
मन की बाता श्याम ने,
बताकर देख ल्यो,
सुणसी सुणसी सांवरो,
सुणाकर देख ल्यो।।
स्वर – दीपक वर्मा।