मन मारा थारे कई विधि समझाऊं,
मनवा थारा मते चलूँ तो,
सीधा नरक लई जावे,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
अरे सोना होय तो सुहाग मंगाऊं,
बंद नाल दस लाऊँ,
ग्यान सबद री फुक लगाऊँ,
अंतर तार खिचाऊं,
पंके नाल ऊलटाउरे बीरा मारा
किणे वीदे के समजाऊ जी।।
अरे घोडो होवे तो लगाम लगाउ,
भाई उपर जीणे कसाऊ जी,
होय सवार थारे उपर बेटु,
चापक चाले चलाउ जी,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
अरे हाथी होय जजीर लगाऊ,
भाई चाराई पैर बन्दाउ जी,
अरे होय महावत उपर बटु,
होय अमावत उपर बटु अरे,
अंकुस दे समजाउ,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
लोया होव तो ऐरण मंगाऊं,
उपर धमण धमाउ,
धमण की गणे गोरे मचाउ,
पानी कर पिघलाऊँ,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
ज्ञान ना होय तो ज्ञान बताऊँ,
सत को मार्ग लखाउँ,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
अमरापुर पहुंचाऊं,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
मन मारा थारे कई विधि समझाऊं,
मनवा थारा मते चलूँ तो,
सीधा नरक लई जावे,
मन म्हारा थारे कई विधि समझाऊं।।
प्रेषक – रूपलाल लौहार
M. 9680208919
Nice Bhajan of sant Kabir.Satpurush Kabir ki jai ho
Good lyric
Muje iska starting Doha chaiye