मन मोहन प्यारा रे,
आओ नी मीरा बाई का देस,
श्लोक
वृंदावन सो वन नही, नंदगाँव सो गाँव,
वंशीवट सो वट नही, श्री राम कृष्ण सो नाम।।
मन मोहन प्यारा रे,
आओ नी मीरा बाई का देस,
थारी सांवरी सूरत लंबा केश,
हाँ लंबा केश रे,
मन-मोहन प्यारा रे,
आओ नी मीरा बाई का देस।।
जहर पियाला राणा ने भेजा,
दीजो मीराबाई रे हाथ,
जहर पियाला राणा ने भेजा,
दीजो मीराबाई रे हाथ,
कर चरणामृत पी गई मीरा,
कर चरणामृत पी गई मीरा,
राखण वालो रघुनाथ रे,
ओ मन-मोहन प्यारा रें,
आओ नी मीरा बाई का देस।।
साँप टिपारा राणा ने भेजा,
दीजो मीराबाई के हाथ,
साँप टिपारा राणा ने भेजा,
दीजो मीराबाई रे हाथ,
अजी खोल टिपारो मीरा ने देख्यो,
खोल टिपारो मीरा ने देख्यो,
बण गयो नवसरियो हार रे,
मन-मोहन प्यारा रें,
आओ नी मीरा बाई का देस।।
मन-मोहन प्यारा रे,
आओ नी मीरा बाई का देस,
थारी सांवरी सूरत लंबा केश,
हाँ लंबा केश रे,
ओ मन-मोहन प्यारा रें,
आओ नी मीरा बाई का देस।।