मन परेशान हैं दिल भी हैरान हैं,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ,
कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है,
मन परेशान है दिल भी हैरान है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं।।
है कठिन ये सफ़र दूर मंजिल बड़ी,
ना तो है रहगुज़र मुश्किलें भी खड़ी,
मुश्किले भी खड़ी,
काँपते होटो पे भी तेरा नाम है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ,
कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है,
मन परेशान है दिल भी हैरान है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं।।
नीर जैसे मेरे अश्क हैं बह रहे,
सुन भी लो ना प्रभु तुमसे कुछ कह रहे,
तुमसे कुछ कह रहे,
आँसुओ में छुपा मेरा पैगाम हैं,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ,
कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है,
मन परेशान है दिल भी हैरान है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं।।
अब समय आ गया मेरे संकट हरो,
जख्म जो भी मेरे श्याम तुम ही भरो,
श्याम तुम ही भरो,
तेरे ‘निर्मल’ का बस तू निगेहबान हैं,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ,
कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है,
मन परेशान है दिल भी हैरान है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं।।
मन परेशान हैं दिल भी हैरान हैं,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं,
चलते चलते प्रभु आ गया मैं कहाँ,
कुछ खबर ही नही कुछ नही ज्ञान है,
मन परेशान है दिल भी हैरान है,
हारता जा रहा तू कहाँ श्याम हैं।।
Singer : Sanjay Mittal
Bhajan Added By Dheeraj ji,
From Bhajan Diary App.
बहुत ही सुन्दर भजन है बाबा का ।। जय श्री श्याम।।