मन थने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
तू पणा ने त्याग दे,
बोलो शब्द जी कारो रे,
छोटा ने मोटो कह बतला,
जद लागे प्यारो रे,
मन थाने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
महापुरुषों की सोपत कर ले,
जा मत न्यारो रे,
कर ले भजन राम का,
अपनो जन्म सुधारो रे,
मन थाने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
लख चौरासी भोगता,
आयो मनख जमारो रे,
चेत सके तो चेत आेगे,
काम करारों रे,
मन थाने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
लादूदास मिल्या गुरु पूरा,
ह्रदय उजालो रे,
चम्पा लाल आस गुरु,
की दास तुम्हारो रे,
मन थाने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
मन थने सतगुरु देवे ज्ञान,
समझकर हिरदे धारो रे।।
गायक – चम्पा लाल प्रजापति मालासेरी डूँगरी
8947915979