मंदरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे,
देवरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे।।
देसी घी को खानो बाबा,
घणो म्हाने भावे है,
खाने में बाबा म्हाने,
स्वाद घणो आवे है,
पेट भर जावे म्हारा सांवरा,
पर मन म्हारो कोन्या रे भरे,
मंदिरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे।।
ग्यारस ने बाबा थारी,
हाजरी बजावा हाँ,
‘शुभम-रूपम’ के सागे,
भजन सुनावा हाँ,
जागा म्हे तो सारी सारी रात,
पर सोने को मन कोन्या रे करे,
मंदिरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे।।
मंदरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे,
देवरिये में आके थारे सांवरा,
जाने को मन कोन्या रे करे।।
Singer – Shubham Rupam Bajoria