मंदिर गजब बन्यो किनियानी,
दोहा – करणी थरपयो केलीयो,
जठे बन गयो मोटो धाम,
दही घमोकड मावड़ी,
बठे दुनिया करे सलाम।
मंदिर गजब बन्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले,
साँवली बोले मंदरिये में,
माताजी बोले,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
चवदस वाली ओरण फेरी,
ज्यामे भारी भीड़,
जयकारा स्यु गूंज उठयो है,
बारह कोस रो बीड़,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
धोलगढ़ में धाम आपरो,
देव्या में ड़ाढाली,
इन्द्र बाईसा खुर्द बिराजे,
देशाणे काबा वाली,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
काला धोला काबर जी,
काबा बेसुमार,
फिरणी में फिरता फिरे है,
देशनोक दरबार,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
नवराता में आवे जात्री,
पूरे मनरी आस,
दुखड़ा सारा मेट देवजी,
राख खासमखास,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
दीपक अनिल थारा,
भजन सुणावे,
सुणज्यो ध्यान लगाय,
हनुमान थारी करे विनती,
देशाणे री माय,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले,
साँवली बोले मंदरिये में,
माताजी बोले,
मंदिर गजब बण्यो किनियानी,
ज्यामे साँवली बोले।।
– गायक व लेखक –
हनुमान कुदाल, दीपक पांडिया, अनिल पारीक।
9784976688