मंदिर को सजाया तेरे वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।
तेरे प्यारे भक्तो के ही वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
तर्ज – काहे को बुलाया मुझे बालमा।
मुरली बजा जा तू,
धुन वो सुना जा तू,
ऐ मेरे मोहना, हो..
घायल मनवा तड़पे मोरा,
व्याकुल है दोनो नैना,
तेरे बिन सूना मोरा अंगना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
हमको सताए क्यो,
ये न बताए क्यो,
हमने तेरा क्या किया, हो..
एक झलक माँगी थी तुझसे,
फिर क्यो हमसे दूर हुआ,
हमको यूँ सताओ प्रभू और ना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
रस्ता निहारुँ मै,
राह बुहारूँ मै,
तेरे लिए हे प्रभू, हो..
शवरी जैसे बैर नही और,
मीरा के जैसे घुँघृरू,
बनके राम मेरे भी घर पाओना,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
मंदिर को सजाया तेरे वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।
तेरे प्यारे भक्तो के ही वास्ते,
श्याम आ जाओ ना,
श्याम आ जाओ ना।।
– भजन लेखक एवं प्रेषक –
शिवनारायण वर्मा,
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