मंदिर में है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो,
लेने दो अब हाल धणी का,
और अपना बतलाने दो,
मंदिर मे है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो।।
तर्ज – रो रो कर फरियाद करा हाँ।
कितने दिनों से एक पिता ना,
बच्चो से मिल पाया है,
दूर ही बैठे श्याम ने अपना,
सारा फर्ज निभाया है,
हम बच्चो को अपने पिता के,
हिवड़े से लग जाने दो,
मंदिर मे है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो।।
पहले तो हर ग्यारस पे हम,
श्याम से मिल के आते थे,
कुछ यादे मन में भरके,
कुछ हल्का कर लाते थे,
रोटी आंखे दरस की प्यासी,
नैन से नैन मिलाने दो,
मंदिर मे है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो।।
जिसकी चौखट हर हारे को,
मिलता रहा सहारा है,
जिसके मंदिर की सीढ़ी चढ़,
होता रहा गुजारा है,
बंद पड़े है द्वार वो कबसे,
कहता ‘सचिन’ खुल जाने दो,
मंदिर मे है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो।।
मंदिर में है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो,
लेने दो अब हाल धणी का,
और अपना बतलाने दो,
मंदिर मे है श्याम अकेला,
हमको खाटू जाने दो।।
Singer – Vikram Ajuba Chawla