मंदिर में सजके वो बैठे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा,
माँ छगनी के नंदन प्यारे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा।।
तर्ज – परमात्मा थी रँगासे।
तेरे शीश मुकुट तेरे कानो में कुण्डल,
गल मोतियन की माल,
तन केशरिया बागा है जिसमे,
हीरे जड़े है लाल,
मुख पे बरसता,
जिनके नूर,
दिव्य तेज ललाट पे,
है भरपूर,
लीले घोड़े चढकर बैठे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा।।
नजर कही लग जाए ना,
क्या गजब किया श्रृंगार,
लेके बलैया तेरी बाबा,
लेउँ नजर उतार,
जिसे देख चाँद भी,
शरमा जाये,
तुझे देखने को,
जी ललचाये,
इस धरती पर न दूजा,
कोई तुम जैसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा।।
दीवाने हम तो बाबोसा तेरे,
किया तेरा दीदार,
इन नयनों में आके समाजा,
ओ मेरे सरकार,
दिलबर तू मेरा,
दिलदार है,
हम पाने आये,
तेरा प्यार है,
भक्त ये तुमको निहारे,
प्यारे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा।।
मंदिर में सजके वो बैठे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा,
माँ छगनी के नंदन प्यारे बाबोसा,
बड़ा ब्यूटीफुल लागे ये बोले बाईसा।।
गायक / रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन म.प्र. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
( म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर )
मो . 98209 47184