वसुदेवी नंदन तुमको वंदन,
करते है हम आज,
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर,
रख लेना तुम लाज,
आये हम तो शरण तुम्हारी,
सुनलो गुरुवर अरज हमारी,
मझधार में है भक्तो की नैया,
पार करो तुम बनके खिवैया,
खेवनहार तू ही पार लगैया,
माँडोली वाले हे आबू वाले,
शांति सुरिस्वर हे गुरुदेवा।।
कलयुग में तेरी महिमा न्यारी,
कोई समझ न पावे,
जो भी आये शरण में तेरी,
मालामाल हो जावे,
दुखियों का सहारा,
तू पालनहारा,
‘मिनल’ का गुरुवर,
तू एक सहारा,
‘दिलबर’ भक्तो का,
तू ही है लाज बचैया,
मांडोली वाले हे आबू वाले,
शांति सुरिस्वर हे गुरुदेवा।।
वसुदेवी नंदन तुमको वंदन,
करते है हम आज,
है योगिस्वर शांति सुरिस्वर,
रख लेना तुम लाज,
आये हम तो शरण तुम्हारी,
सुनलो गुरुवर अरज हमारी,
मझधार में है भक्तो की नैया,
पार करो तुम बनके खिवैया,
खेवनहार तू ही पार लगैया,
माँडोली वाले हे आबू वाले,
शांति सुरिस्वर हे गुरुदेवा।।
गायिका – मिनल जैन, हैदराबाद।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
नागदा जक्शन, म.प्र. 9907023365