मनसा होई बाबा अगम मिलण गी,
देवरे में राम रमण हो महाराज,
मनसा होईं बाबा अगम मिलण गी।।
तुरत करो घोड़ो सिणगारो हो,
हे सजधज करो रे पिलाणी हो महाराज,
इण विध अरज करू सिद्द रामा हा।।
लीला करड़ा घोड़ा कँवर का हा,
तुरंग बडा तूफानी हो महाराज,
बागडोर रेशम री कहिये हे,
आप कँवर असवारी हो महाराज।।
तंवरों के माही के राव उपन्या हा,
रावत रुजमोधारी रे महाराज,
सत की जाजम ढ़ले रे आ देवरे हे,
नित पूजां गिरधारी ओ महाराज।।
इण विध अरज करूँ सिद्द रामा हा,
सतजुग में घोड़ा घोसाँणी ही,
कमज्या खरी रे कमाई ओ महाराज।।
टूक टूक बाबा करां थोरी चाकरी ही,
हर चाढो नी निर्वाणी हो महाराज,
गुरु रे गोविंद म्हाने गुरु रे खेवटिया हा।।
साँची करो मोतपाही हो महाराज,
हर शरणे रे बीजो रे बिणवे हे,
दुर्लभ प्रीत पिछाणी रे महाराज,
इण विध अरज करूँ मैं धणीयाने हे।।
मनसा होई बाबा अगम मिलण गी,
देवरे में राम रमण हो महाराज,
मनसा होईं बाबा अगम मिलण गी।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052