मनुष जनम अनमोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे॥॥
ॐ साई नमो नमह,
श्री साई नमो नमह ॥॥
तु सत्संग मे आया कर,
गीत प्रभु के गाया कर,
साँझ सवेरे बेठ के बन्दे,
गीत प्रभु के गाया कर,
नही लगता कुछ मोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे॥॥
तु है बूद बूद पानी का,
मत कर जोर जवानी का,
समझ समझ के क़दम रखो,
पता नही ज़िन्दगानी का,
सबसे मीठा बोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे॥॥
मतलब का संसार है,
इसका क्या ऐतबार है,
सम्भल सम्भल के क़दम रखो,
फुल नही अंगार है,
मन की आँखे खोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे॥॥
मनुष जनम अनमोल रे,
मिट्टी मे ना रोल रे,
अब जो मिला है फ़िर ना मिलेगा,
कभी नही कभी नही रे॥॥
ॐ साई नमो नमह श्री साई नमो नमह ॥॥
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-Shekhar M.
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I like song
Bhut sunder
Bhut sundar
बहुत खुब ये भजन हे
Bahut sundar bhajan