मस्त महीना सावन का यह आया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन लाया है,
शिव जटाओं से निकली मां गंगा के,
पावन जल से शिवजी को नहलाया है।।
तर्ज – दूल्हे का सेहरा।
हर तरफ ही शोर है बम बम भोले का,
अजब नजारा रंग बिरंगी कावड़ों का,
नए रंग रूप में कावडों को सजाया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन लाया है।।
शिव भक्तों में गजब की मस्ती छाई है,
बम बम की आवाज सभी ने लगाई है,
नाचते गाते कावड़ जल को चढ़ाया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन लाया है।।
हरियाली का मौसम सबको भाता है,
सावन भोले को जल चढ़ाने आता है,
कुदरत ने इस धरती को महकाया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन आया है।।
रिमझिम बदरा बरसे काली घटा छाई,
मोर नाचते झूम के मस्ती है छाई,
शिव की कृपा से भाव” श्याम” ने गाया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन आया है।।
मस्त महीना सावन का यह आया है,
शिवरात्रि त्यौहार भी पावन लाया है,
शिव जटाओं से निकली मां गंगा के,
पावन जल से शिवजी को नहलाया है।।
स्वर एवं गीत – घनश्याम मिढ़ा l
भिवानी हरियाणा। 9034121523