माता अहलवती के आंगणिये में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के,
धरती झूमे अम्बर झूमे,
झूम उठ्यो संसार,
माता अहलवती के,
माता अहलवती के आंगणिए में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के।।
भीम बलि को पुत्र लाड़लो,
पांडव कुल को उजियारो,
निर्बल को बल निर्धन को धन,
सबकी पत राखन हारो,
दीन दयाल दया को सागर,
दीन दयाल दया को सागर,
करुणा को भण्डार,
माता अहलवती के,
माता अहलवती के आंगणिए में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के।।
घूंघर वाला बाल श्याम का,
रूप सलोनो प्यारो है,
दो नैणा अम्रत का प्याला,
मुखडो जादू गारो है,
लुणराई कर श्याम लला की,
लुणराई कर श्याम लला की,
लेवा नजर उतार,
माता अहलवती के,
माता अहलवती के आंगणिए में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के।।
शंख नगाड़ा बजे गगन में,
देव पुष्प बरसावे है,
बर्बरीक नाम रख्यो बालक को,
नारद भेद बतावे है,
हे माता तेरो लाल करेगो,
हे माता तेरो लाल करेगो,
दुनिया को उपकार,
माता अहलवती के,
माता अहलवती के आंगणिए में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के।।
माता अहलवती के आंगणिये में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के,
धरती झूमे अम्बर झूमे,
झूम उठ्यो संसार,
माता अहलवती के,
माता अहलवती के आंगणिए में,
श्याम लियो अवतार,
माता अहलवती के।।
स्वर – श्री श्याम अग्रवाल जी।