माता नर्मदा थारी गोद में मुकाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
इंदिरासागर का बांध बनाया,
मुख्यमंत्री वहां देखन के आया,
बड़ा बड़ा नेता वहां आया मुद्दाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
दूर की जनता वहां देखण के आयी,
बाबा के मंदिर की अरजी लगाई,
मुख्यमंत्री ने वहां दियो नही ध्यान,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
फूल जसी जनता वहां रही रे मुरझाईं,
बाबा सिंगाजी ने शक्ति बताई,
जाने नही दियो ओको रोक्यो विमान,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
जयने बाबा से जब ध्यान लगायो,
जयने बाबा से जब ध्यान लगायो,
बनय देउ मंदिर हुँ फूल रे समान,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
माता नर्मदा थारी गोद में मुकाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम,
सिंगाजी बनी गयो बैकुंठ को धाम।।
प्रेषक – घनश्याम बागवान
7879338198