मतलब की दुनिया सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।
दोहा – रह के खामोश भी,
हर बात बता देता है,
ये चेहरा अच्छे बुरे,
हालात बता देता है,
लाख कपड़ों में छुपाए,
कोई खुद को,
ये लहजा इंसान की,
औकात बता देता है।
यूँ तो ज़माने में,
बहुत दर्दमंद मिलते है,
मगर काम के लोग,
चंद मिलते है,
जब भी कोई मुसीबत का,
वक्त आता है,
तब सबके दरवाजे,
बंद मिलते है।
मतलब की दुनिया सारी,
मतलब की रिश्तेदारी,
मतलब के लोग यहां पर,
मतलब की है सब यारी,
अँधा करती इंसा को,
मतलब ऐसी बिमारी,
मतलब बिन बोले नाही,
अपनी ही नारी,
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।bd।
तर्ज – जा रे जा ओ हरजाई।
मतलब पीछे इक भाई,
भाई को गोली मारे,
मतलब घर की बहु जलवा दे,
मतलब ही सारी दुनिया में,
नाम करा दे और ये मतलब,
बिच चौराहे पिटवा दे,
बच के रहना सभी,
गाँठ बांधो अभी,
बच के रहना सभी,
गाँठ बांधो अभी,
इक दिन आ सकती भैया,
अपनी भी बारी,
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।bd।
मतलब को मतलब पर लाना,
मतलब चीज बुरी है,
पाला पड़े ना कभी मतलबी से,
मतलब पीछे खोटे करम,
ना करना कभी भी प्यारे,
मेरा कहना यही तुम सभी से,
मतलबी ना बनो,
मान लो सज्जनो,
मतलबी ना बनो,
मान लो सज्जनो,
मेरा मतलब समझाना,
बाकी मर्जी तुम्हारी,
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।bd।
मतलब के सब खेल तमाशे,
इस दुनिया में ‘नरसी’,
यहाँ कोई नहीं है किसी का,
मतलब से मतलब है रखते,
भाई बंधू प्यारे,
रिश्तेदारी है नाम इसी का,
मतलबी ये जहाँ,
कौन किसका यहाँ,
मतलबी ये जहाँ,
कौन किसका यहाँ,
मतलब से भरी पड़ी है,
दुनिया हमारी,
Bhajan Diary Lyrics,
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।bd।
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी,
मतलब के लोग यहां पर,
मतलब की है सब यारी,
अँधा करती इंसा को,
मतलब ऐसी बिमारी,
मतलब बिन बोले नाही,
अपनी ही नारी,
मतलब की दुनियां सारी,
मतलब की रिश्तेदारी।bd।
स्वर / रचना – नरेश नरसी जी।