मौज बणा दी,
ओ दादा खेड़े मौज बणा दी,
हो तार दिया तूने भार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
करदी सारी दूर कंगाली,
घर म रहवै स रोज दिवाली,
हो सुख म करया परिवार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
आण जाण नै सुथरी गाड्डी,
राम रमी महारी गाम म ठाढी,
हो कोनया किसे त तकरार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
दया करी तनै डूण्डा ठाया,
तेरे किसा ना दानी पाया,
हो बणा दिए साहुकार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
सुशील भगत नै मरोड स तेरी,
गजेन्द्र स्वामी न लोड स तेरी,
हो रहलयूंगा तेरा ताबेदार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
मौज बणा दी,
ओ दादा खेड़े मौज बणा दी,
हो तार दिया तूने भार,
मौज बना दी,
ओ दादा खेड़े मौज बना दी।।
गायक – लक्की पिचौलिया।
9034283904
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660