मीणा भाई रम जा रात अंधारी,
काला कामला की गांति मार ले,
कमरिया में भंवर कटारी।।
आरड़े पारड़े करसा सुता,
बीच मे गेहूं की ढेरी,
गाड़ी भर गेहूं की लायो,
और चना की बोरी।।
जाय बाण्या ने हैलो मारियो,
सेठां सुणो हमारी,
चादर काड़ पछेवड़ी काड़ो,
और नारियल की बोरी।।
जाय घरां ने हेलो मारयो,
उठो घर की नारी,
माल ताल को लायो मोखला,
भोजन करो तैयारी।।
उठो सन्ता आसण छोड़ो,
भोजन हो ग्यो तैयारी,
जिम चूंट कर घरां पधारो,
झगड़ो होवेला भारी।।
उत्तर दिशा सूं उठी बादली,
बरसे मुसलाधारी,
राम लाल घाटा को मीणो,
लाज राखी गिरधारी।।
मीणा भाई रम जा रात अंधारी,
काला कामला की गांति मार ले,
कमरिया में भंवर कटारी।।
गायक – लादुराम प्रजापति।
मालासेरी डूँगरी 97849-82081