दौड़ू तो पोछु कोनी रे,
छेटी पड़गी हाट उबा रिजो।
दोहा – मीरा जन्मी मेढ़ते,
वा परनाई चित्तोड़,
राम भजन परताप सू,
वा सकल श्रृष्टि सिरमोर।
सकल श्रृष्टि जगत में,
सारा है जानी,
आगे भई अनेक,
केई बाया केई राणी,
जिनकी रीत सगराम कहे,
है बैकुंठा ठोढ़,
मीरा जन्मी मेढ़ते,
वा परनाई चित्तोड़।
दौड़ू तो पोछु कोनी रे,
छेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
मारे मीरा रा महाराज उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
आपरे भजन रे कारणे मैं,
छोड्या मायर बाप उबा रिजो,
वेरागण आवे लार उबा रिजो,
मारे सुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मारे हिवड़े मायला हार उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
आपरे भजन रे कारणे मैं,
पेरया भगवा वेश उबा रिजो,
वेरागण आवे लार उबा रिजो,
मारे सुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मारे हिवड़े मायला हार उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
आपरे भजन रे कारणे मैं,
छोड्या अन्न ने पान उबा रिजो,
वेरागण आवे लार उबा रिजो,
मारे सुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मारे हिवड़े मायला हार उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
आपरे भजन रे कारणे मैं,
छोड्यो सहेलियों रो साथ उबा रिजो,
वेरागण आवे लार उबा रिजो,
मारे सुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मारे हिवड़े मायला हार उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
बाई मीरा री विनती,
थे सुनो नी द्वारका रा नाथ,
अर्जी सुणजो,
वेरागण आवे लार उबा रिजो,
मारे सुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मारे हिवड़े मायला हार उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
दौड़ू तो पोछु कोनी रे,
छेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
दोडू तो पोछु कोनी रे,
चेटी पड़गी हाट उबा रिजो,
मारे मीरा रा महाराज उबा रिजो,
चुड़ले रा सिणगार उबा रिजो,
मीरा रा महाराज हवले हालो रे।।
गायक – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – पुखराज पटेल
9784417723
https://youtu.be/NVVXA3UC3Bc