मीरा सांवरिया ने अपनाय लियो,
दोहा – मीरा केनो मानले,
तो छोड दे अभिमान,
तू बेटी राठौड़ की,
थाने राज दियो भगवान।
मीरा वन की कोयली,
राणो मन को थूल,
समझायो समझ्यो नही,
थाने ले जाती वैकुण्ठ।
मीरा सांवरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो,
ओ मीरा जग सु हो गई न्यारी,
ओ मीरा जग सु हो गई न्यारी,
मीरा धार के भगवा वेश,
जोग अपनाय लियो,
मीरा सावरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो।।
तर्ज – मरुधर में ज्योत जगाय गयो।
तन मन की सुध बिसराई,
बिरहन बन गई मीरा बाई,
तन मन की सुध बिसराई,
बिरहन बन गई मीरा बाई,
आतो अली गली में डोल रही,
आतो श्याम नाम रस घोले,
गिरधारी का ही गुण गावे,
दुजी बात दाय नही आवे,
वातो सावरिया री,
जोगन बन दिखलाई दियो,
मीरा धार के भगवा वेश,
जोग अपनाय लियो,
मीरा सावरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो।।
ओ गिरधर मे रंग गई पूरी,
मीरा गिरधर बिना अधुरी,
ओ गिरधर मे रंग गई पूरी,
मीरा गिरधर बिना अधुरी,
दुनिया सु मुखडो मोड्यो,
आतो श्याम सु नातो जोड्यो,
भाव नता ही गिरधारी,
ओ मीरा छोड दी दुनिया सारी,
काई होवे साची प्रीत,
मीरा बतलाय दियो,
मीरा धार के भगवा वेश,
जोग अपनाय लियो,
मीरा सावरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो।।
पग घूगरू बांध के नाची,
मीरा गिरधर के रंग राची,
पग घूगरू बांध के नाची,
मीरा गिरधर के रंग राची,
ओ फेरो श्याम नाम को जोडो,
आतो प्रण लियो कानुडो,
अरे मन माय लियो गिरधारी,
‘राजेंद्र’ जाए बलिहारी,
अन धन मेडतनी श्याम,
ने रिझाय लियो,
मीरा धार के भगवा वेश,
जोग अपनाय लियो,
मीरा सावरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो।।
मीरा सांवरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो,
ओ मीरा जग सु हो गई न्यारी,
ओ मीरा जग सु हो गई न्यारी,
मीरा धार के भगवा वेश,
जोग अपनाय लियो,
मीरा सावरिया ने अपनाय लियो,
गिरधर ने मन में बसाय लियो।।
गायक – शंकर जी टाक।
प्रेषक – मनीष सीरवी
9640557818