दी अर्ज लगा मनै दर्श दिखा,
क्यों ज्यादा तड़पावै सै,
मेहंदीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
कई साल मनै बीते हो बाबा,
संकट गेल्या पडरया सै,
छोडन का यो नाम ना ले रया,
अपनी जीद पै अडरया सै,
मेरा कारडा हाथ पकड़ रया से,
कदे पीत्र भी बन जावे सै,
मेहन्दीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
काम धाम ना चालै,
पति बणा सै शराबी हो,
संकट ने घेरी घाली,
यो कर रया खूब खराबी हो,
तेरे हाथ में चाबी हो,
जरा ताला भी खुल जावै सै,
मेहन्दीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
हरियाणा ते चलकै बाबा,
तेरे धाम पर आई सुं,
संकट मेरा काट दिए,
तेरी सवामणि भी लगाई सुं,
बहोत घनणी तगं पाई सूं,
तेरा सारा कहण पुगाया सै,
मेहन्दीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
गांव में महराणै बाबा,
तेरी पूनम भगत निराली सै,
सत्यवान का बाबा तू,
आकै बना रुखाली सै,
तेरी शक्ति देखी भाली सै,
तू सब ने पार लगावै सै,
मेहन्दीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
दी अर्ज लगा मनै दर्श दिखा,
क्यों ज्यादा तड़पावै सै,
मेहंदीपुर के बालाजी,
क्यों इतणी बाट दिखावै सै।।
गायक – राजवीर सोकल किनाना।
प्रेषक – राजकुमार किनाना जींद।
9518258850