मेहंदीपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा,
आके तेरे मंदिर में,
मैं तेरे दर्शन पाउगा,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
घणे दिना की मन में आ रही,
मैं भी दर्शन पाउ हो,
आके तेरे चरना में,
बालाजी मैं शीश झुकाऊँ हो,
तेरे नाम का बनवा रखाया,
लाल लंगोटा लाऊँँगा,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
जब तं तेरा ध्यान धरया,
महारे हो गए मन के चाहे हो,
लेकः तेरा नाम हो बजरंग,
फुले नहीं समाये हो,
तेरे मंदिर की चोटी ऊपर,
मैं ध्वजा फेराउगा,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
तेरे कई नाम बताये,
बजरंग बाला हनुमाना,
दुनिया तेरी बडाई गावः,
कहते हैंं सच्चा धामा,
दुनिया में सब भक्तां आगः,
तेरे नाम गिनाऊगा,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
अशोक सिंह ने इब ते बुलाले,
तेरे दर्श की लगन लगी,
सुणके उसके भजना ने,
सारी दुनिया मगन लगी,
सुबह शाम ओ बजरंग बाला,
तेरे भजन बनाऊगा,,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
मेहंदीपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा,
आके तेरे मंदिर में,
मैं तेरे दर्शन पाउगा,
मेहंदिपुर के बाला जी,
मैं तेरे दर पे आऊँगा।।
गायक – नरेन्द्र कौशिक।
भजन प्रेषक – राकेश कुमार जी,
खरक जाटान(रोहतक)
( 9992976579 )