मेहंदीपुर के मंदिर में,
तन्ने याद करे नर नारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
घाटे के मा देखी या तेरी,
अजब अनोखी माया से,
संकट मोचन राम का प्यारा,
बड़ी मुश्किल से पाया से,
जादू सिर पर छाया से,
मोह माया त्यागी सारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
श्रद्धा के दो फूल कमल थारे,
चरणों में अर्पण कर दू,
सवामणी का भोग लगाके,
धजा लंगोट तेरा धर दयू,
बाबा नियम थारे कर दू,
म बन गया तेरा पुजारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
कलयुग में वरदानी बाबा,
राम की माला लेरया स,
भेरव जी बलकारी संग म,
प्रेतराज का पहरा स,
सब न पर्चा दे रहा स तू,
करता दूर बीमारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
रविंद्र भगत बेरी आले प,
मेहर कसूती कर राखी,
हनु हनु हनुमान जपे जा
ऐसी चाबी भर राखी,
गुणगान म लगन लगा राखी,
विशाल बनया परचारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
मेहंदीपुर के मंदिर में,
तन्ने याद करे नर नारी हो,
बालाजी बलकारी हो।।
लेखक / गायक – विशाल पांचाल बुच्ची।
9306919089
सहयोग – रविंद्र भगत बेरी धाम।