मेरा चमका दिया नाम,
हो नाम,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
टुटे फुटे घर म पडे थे,
टोटे के महा सिडया कर थे,
करी ग्यारा कोठी नाम,
हो नाम,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
कई कई दिन हम भुखे सोये,
बैठ कर शयामी माँ क रोये,
दिये खाण न काजु बदाम,
हो बदाम,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
मेले कपडे टुटे लितर,
बदला करते हफ्ते भीतर,
आज बना दिए जैनटल मैन,
हो मैन,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
नवदीप ब्रामण ज्योत जगाव,
भुले होये न राह दिखाव,
तने जब तक दिया ग्यान,
हो ग्यान,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
मेरा चमका दिया नाम,
हो नाम,
मेरी मात पाथरी आली ने।।
गायक – नवदीप महाराज जी।
9817187924