ना छूटेगा बाबा,
ये साथ तुम्हारा,
मेरा दिल ही घर,
बन गया है तुम्हारा,
मेरा दील ही घर,
बन गया है तुम्हारा।।
तर्ज – और इस दिल में।
नाम जबसे तुम्हारा,
श्याम मैंने लिया है,
आपके नाम ने ही,
दिल में घर कर लिया है,
आप बसे हो मेरे दिल में,
ये मुझपे एहसान,
ये मुझपे एहसान,
नाम से गहरा रिश्ता हमारा,
मेरा दील ही घर,
बन गया है तुम्हारा।।
बस गए आप दिल में,
तो ये एहसास होता,
जैसे साया कोई है,
जो मेरे साथ रहता,
हर पल हर क्षण,
तुम ही मेरी,
रखते सभी खबर,
रखते सभी खबर,
देते हो मुझको आप इशारा,
मेरा दील ही घर,
बन गया है तुम्हारा।।
मिली नज़रें जो तुमसे,
हुआ बेचैन ये दिल,
जो मुरझाई थी कलिया,
वो फिर से अब गई खिल,
इक दिल ही था ‘स्नेह’ का अपना,
वो भी हुआ तेरा,
वो भी हुआ तेरा,
नाम तुम्हारे जीवन ये सारा,
मेरा दील ही घर,
बन गया है तुम्हारा।।
ना छूटेगा बाबा,
ये साथ तुम्हारा,
मेरा दिल ही घर,
बन गया है तुम्हारा,
मेरा दील ही घर,
बन गया है तुम्हारा।।
Singer – Kavya Maan