मेरा घर चलै तेरे सहारे हो,
दादा खेड़े आलै।।
रोग दोष ने दूर करणिया,
भूत प्रेत तै नही डरणिया,
तु लादे परले किनारे हो,
दादा खेड़े आलै।।
गाम के गोरै बैठा चिमटा गाड़ कै,
संकट नै मारै बाबा काढ काढ कै,
जौडे हाथ वो तेरे द्वारै हो,
दादा खेड़े आलै।।
बैठ भवन में देखै नजारा,
ना भगता तै पाटै न्यारा,
इसी दया दृष्टि डारै हो,
दादा खेड़े आलै।।
कप्तान शर्मा समाल गाम मैं,
बलराज शामदो तेरे धाम मैं,
ना भक्ति करता हारै हो,
दादा खेड़े आलै।।
मेरा घर चलै तेरे सहारे हो,
दादा खेड़े आलै।।
गायक – लक्की शर्मा।
लेखक – कप्तान शर्मा।
सहयोगी – भगत बलराज शामदो।
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