मेरा जीवन तेरे हवाले,
दर दर ठोकर खाके आया,
अब तो गले से लगा ले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
तर्ज – मेरा परदेसी ना आया।
दीनानाथ दया के सागर,
दिनो के हितकारी,
हार गया हूँ लीले वाले,
सांवल सा गिरधारी,
सुनलो मेरी श्याम पियारे,
पैरो पड़ गए छाले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
घूम लिया हूँ ये जग सारा,
कोई नजर ना आए,
मुझे भरोसा है अब तेरा,
तू ही मुझको निभाए,
कोई नहीं है जग में मेरा,
तू ही मुझको संभाले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
रिश्ता सबसे तोड़ दिया है,
तोड़ी सबसे यारी,
तुम्हारे हाथो मैं है अब तो,
प्रभु जी लाज हमारी,
लाज बचालो खाटू वाले,
ऐहलवती के लाले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
तेरा ‘रविंदर’ भटक रहा है,
किसके दर पे जाए,
अपनी बीती हुई कहानी,
किसको जाके सुनाए,
सुनता ना कोई मेरी कहानी,
अब तो तू ही निभाले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
मेरा जीवन तेरे हवाले,
दर दर ठोकर खाके आया,
अब तो गले से लगा ले,
मेरा जींवन तेरे हवाले।।
Singer – Veer Sanvara