मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का,
मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का।।
विधाता है वही,
रिझाता है वही,
जगाता है वही,
सुलाता है वही,
वो सुमिरन है मेरा,
मन गति चाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।
मेरा साथी वही,
दीया बाती वही,
मेरी हर स्वास का,
दया दाता वही,
वो स्वामी है मेरा,
मेरे हर हाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।
वही दिन रात है,
सदा तेरे साथ है,
सवेरा सांझ वो,
जगत का नाथ है,
वो माली है मेरा,
फूल फल डाल का,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का।।
मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का,
नंद के लाल का,
बिरज के ग्वाल का,
मेरा मन बावरा,
मदन गोपाल का।।
स्वर – श्री अशोकानंद जी महाराज।
प्रेषक – डॉ सजन सोलंकी।
9111337188