नाड़ी में हो नाड़ी में,
मेरा पावे भभूता नाड़ी में,
मेरा पावें भभूता नाड़ी में।।
नाथ निरंजन के चेले ने,
जग में नाम कमायो,
ढाणी सोलंकी बीरमदे,
माता की कोख त जायो,
खेले स खेले स,
मेरा आज भभूता खेले स।।
दुर दूर त चलके न,
बाबा के दर्शन पायो,
पल मै रोग काटदे स,
दादा ऐसा झाड़ा लायो,
संकट न संकट न,
मेरा काटे भभूता संकट न।।
जोतराम उसके चेलो बनग्यो,
जो भनिन गाम त आयो,
भभुता सिद्ध की भगति मे,
इने पूरा ध्यान लगायो,
बाणे में धोले बाणे मे,
मने प्यारा लागे धोले बाणे म।।
शिव शंकर की माया न्यारी,
पूजे दुनिया आले,
राजस्थान मे तीन देवता,
पाट रहे स चाले,
दुनिया मे दुनिया में,
इने नाम कमाया दुनिया म।।
गाम खरकडे आले कृष्ण न,
बाबा आज मनायो,
पवन धर्मखेड़ी रोता रहगया,
बाबा कोन्या पायो,
धर्मखेड़ी मे धर्मखेड़ी मे,
यों भजन बनावे धर्मखेड़ी म।।
नाड़ी में हो नाड़ी में,
मेरा पावे भभूता नाड़ी में,
मेरा पावें भभूता नाड़ी में।।
गायक / लेखक – पवन धर्मखेड़ी।
(8814810192)