मेरा राम मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।।
काम क्रोध मद लोभ ने रे,
रोकी चारो गेल,
इस गली में मेरा प्रीतम प्यारा,
मैं किस विद् करलू में सेल,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।bd।
पांच पच्चीस पहर्वे ठाडे,
रोक लिया सब ठाम,
ऐसी तो विदिना ने रचती,
बेरी बसा रखयो गाम,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।।
आसा तरसना बड़ी दुवेली,
इन में रेयो समान,
कनक कामिनी गेरा फंदा,
अंत तजयो नी जाय,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।bd।
ज्ञान भगति बेराग जोग ने,
रस्तों दियो बताय,
कहे कबीर सुनो भाई साधो,
ना आवे ना फिर जावे,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।।
मेरा राम मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी,
मेरा हरि से मिलन कैसे होय,
गली तो चारो बंद पड़ी।।
Upload By – Vinod Kumar
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