मेरा सतगुरु दीनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी,
आतो ओढ़ सुहागण सुरता नार,
ओढ़ निर्मल कीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
हंसा पाँच तत्व गुण तीन,
पच्चीसों ने बस कीनी,
हंसा नाभि कमल के बीच,
वासना ले लीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
हंसा इड़ा पिंगला साथ,
नहायो तट त्रिवेणी,
हंसा बंक नाळ उलटाय,
अगम डांडी ले लीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
हंसा गिगन मंडल के माय,
वास करी सुण लीनी,
हंसा झिलमिल झिलमिल होय,
तार चेतन कीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
हंसा सतगुरु मिल्या हजारी नाथ,
सेन साँची दे दीनी,
हंसा हरि गुण गावे सुरति नाथ,
सूरत ने खिला दीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
मेरा सतगुरु दीनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी,
आतो ओढ़ सुहागण सुरता नार,
ओढ़ निर्मल कीनी,
मेरा सतगुरु दींनदयाल,
चुंदड़ी ने रंग दीनी।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052