मेरा श्याम सहारा है,
घनश्याम सहारा है,
घनश्याम सहारा है,
घनश्याम हमारा है,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
खाटू वाले के दर,
जो कुछ भी मांगा है,
खाली कभी न आये,
जो माँगा पाया है,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
तू सुख का सागर है,
निर्धन का सहारा है,
इस तन मन में मेरे,
मेरा श्याम समाया है,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
अब क्या क्या बताऊ मैं,
तु कितना निभाता है,
जो कुछ मन मे सोच,
बस पल में देता है,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
माँ मौरवी के जाये,
कृष्णा के अवतारी,
‘जांगिड़’ की सुध लेलो,
ऐ कलयुग अवतारी,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
मेरा श्याम सहारा है,
घनश्याम सहारा है,
घनश्याम सहारा है,
घनश्याम हमारा है,
हारे का सहारा है,
मेरा श्याम सहारा हैं।।
गायक / प्रेषक – अशोक जाँगिड़।
सवाई माधोपुर।
M.9828123517