मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा,
जब भी मैं हारा हूँ-2,
मुझे दिया सहारा।।
बचपन से तूने ही तो,
चलना सिखाया है,
हर एक कदम पे मेरा,
साथ निभाया है,
जीवन भर रखना श्याम-2,
मेरे सिर पर साया,
मेरा तों बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।।
मेरी तो औकात न थी,
तुमने बनाई है,
जीवन में जो भी सोची,
वोही चीज़ पाई है,
मेरी किस्मत को तो श्याम-2,
है तूने संवारा,
मेरा तों बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।।
मात पिता तुम मेरे,
भाई बंधु तुम ही हो,
मेरी धड़कनो में और,
साँसों में तुम ही हो,
‘चंद्रबाला’ बोले श्याम-2,
मैं हूँ तेरा प्यारा,
मेरा तों बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा।।
मेरा तो बाबा श्याम,
एक तू ही सहारा,
जब भी मैं हारा हूँ-2,
मुझे दिया सहारा।।
स्वर – प्रदीप पुष्प जी।
प्रेषक – नितिन शर्मा।
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