मेरा तो एक सपना है,
के बस जाऊं खाटू में,
श्याम की सेवा में,
ये जीवन काटूँ मैं,
मैं दीवाना श्याम का,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
तर्ज – मेरा एक सपना है।
जहाँ चले हुकूमत श्याम की,
वो दरबार मिले,
मुझे हर पल हर क्षण,
सांवरिये का प्यार मिले,
सांवरिया सुन जरा,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
जियूं मैं जब तक,
करूँ श्याम की चाकरी,
निकले चौखट पर ही,
स्वांसे आखरी,
दिन कटते नहीं श्याम बिन,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
मेरा हाल सुदामा सा,
कुछ कह ना पाऊं मैं,
तुझे छोड़कर बाबा,
किधर को जाऊं मैं,
हम कैसे जियें तेरे बिन,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
मुझे प्रेम दो नरसी सा,
धन्ना सी दे दो लगन,
है ‘चोखानी’ संग ‘रोमी’ भी,
तुझमें ही मगन,
तेरे हाथों में मेरी डोर,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
मेरा तो एक सपना है,
के बस जाऊं खाटू में,
श्याम की सेवा में,
ये जीवन काटूँ मैं,
मैं दीवाना श्याम का,
मेरा तो एक सपना हैं,
के बस जाऊं खाटू में।।
Singer – Sardar Romi Ji