मेरे अंग संग है श्यामा,
तो फिर डर काहे का,
काहे का जी काहे का,
काहे का जी काहे का,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
mere ang sang hai shyama to fir dar kahe ka
तर्ज – मेरी लगी श्याम संग प्रीत।
इस दुनिया ने बड़ा सताया,
हर पल मुझ पर दोष लगाया,
जब तूने थामा हाथ,
तो फिर डर काहे का,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
सुख दुःख में तूने साथ निभाया,
हर पल सिर पर हाथ फिराया,
जब तूने पकड़ा हाथ,
तो फिर डर काहे का,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
जब भी तेरा नाम पुकारा,
तबसे मुझको मिला सहारा,
अब हर पल कहूं ये बात,
की मुझे डर काहे का,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
यूँ ही हमेशा साथ निभाना,
‘प्राची सखी’ को मत बिसराना,
मेरी तुझसे है पहचान,
तो फिर डर काहे का,
Bhajan Diary Lyrics,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
मेरे अंग संग है श्यामा,
तो फिर डर काहे का,
काहे का जी काहे का,
काहे का जी काहे का,
मेरे अंग संग हैं श्यामा,
तो फिर डर काहे का।।
Singer – Prachi