मेरे बाबा का हेरी री सखी,
सारी दुनिया म नाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
किते बाल रुप म किते वृध्द रूप म,
सबके संकट टाले स,
आगे आगे भैरव बाबा,
पाछै प्रेत चाले स,
शिव अवतारी मुगदरधारी,
भुतां प घेरी घालः स,
काटै रोग तमाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
सवामणी रोट लेवः,
भोग ले भवन म,
राम जी का वास मेरे,
बालाजी के मन म,
दुत और गण बणके,
खेलं जन जन म,
लागै छिंटा सुबह शाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
घर घर के महां जोत जागै,
बाबा हनुमान की,
सच्ची हो लगन फिरे,
मेहर भगवान की,
अर्जी प मर्जी,
भगति ना बलवान की,
प्यारा बालाजी का धाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
भक्ति देखी शक्ति देखी,
रूप स निराला हे,
तन प लाल लंगोटा साजै,
हाथ म स माला हे,
भक्ति के महां बावला सा,
होगया गुहणे आला हे,
राजपाल जपै नाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
मेरे बाबा का हेरी री सखी,
सारी दुनिया म नाम,
दाएं शिव बांए राम,
मेरें बाबा का हेरी री सखी।।
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार जी।
खरक जाटान(रोहतक)
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