मेरे बाबा लखदातार,
मेरी लाज बचालो,
लुट जाए ना बीच बाजार,
मेरी लाज बचा लो।।
हारे के साथी हो तुम,
मैं भी तो हारा हूं,
थाम लो कलाई मेरी,
मैं बेसहारा हूं,
मैं खड़ा बीच मझधार,
मेरी लाज बचा लो।।
लाज मेरी लुट गई तो,
कैसे मैं जी पाऊंगा,
कैसे किसी के आगे,
अपना मुंह दिखाऊंगा,
जीना होगा दुश्वार,
मेरी लाज बचा लो।।
‘टीनू’ मजबूर ठहरा,
आपसे है क्यो दूरी,
भूलो को भुला के मेरी,
अब तो दे दो मंजूरी,
मेरा करो सुखी परिवार,
मेरी लाज बचा लो।।
मेरे बाबा लखदातार,
मेरी लाज बचालो,
लुट जाए ना बीच बाजार,
मेरी लाज बचा लो।।
गायक – बाबा त्रिलोकी।
+91 93551 02080
लेखक – टीनू शर्मा।