मेरे बाबा मेरे मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना,
मरुँ तेरे दर की चौखट पर,
मुझे अपना बना लेना,
मेरें बाबा मेरें मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
लगाए भोग तू जब भी,
मुझे थाली बना देना,
करूँ शीतल तेरी जिव्हा,
मुझे पानी बना देना,
हटाना ना तू नजरो से,
मुझे ऐसे छुपा लेना,
मेरें बाबा मेरें मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
कभी काजल कभी कुंडल,
कभी मुरली बना देना,
संवारो बाल तुम जब भी,
मुझे कंघी बना देना,
रहूं राजी रजा में मैं,
मुझे पावन बना देना,
मेरें बाबा मेरें मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
तुझे खुशबू से महका दूँ,
मुझे वो इत्र बना देना,
तुझे शीतल हवा दूंगा,
चवर डोरी बना देना,
लिपट जाऊँ तेरे सीने,
मुझे बागा बना देना,
मेरें बाबा मेरे मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
भिखारी हूँ तेरे दर का,
मुझे ये भीख दे देना,
तेरे प्रेमी के चरणों की,
मुझे बस धूल दे देना,
चरण रज चुम लूँ ‘रोहित’,
मुझे काबिल बना देना,
मेरें बाबा मेरें मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
मेरे बाबा मेरे मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना,
मरुँ तेरे दर की चौखट पर,
मुझे अपना बना लेना,
मेरें बाबा मेरे मालिक,
मैं मांगू जो मुझे देना।।
गायक – रोहित दिनेश मिश्रा।