मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे कुंज बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
पीला पटका बिहारीजी का प्यारा लगता,
हार फूलो का गले मे प्यारा लगता,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे बाँके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
मोर मुकट सांवरे पे प्यारा लगता,
और कानों में कुण्डल प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे बाँके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
कंगन बिहारी जी के प्यारे लगते,
सबको बंसी बजाते बड़े प्यारे,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे बाँके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
‘कपिल’ चरणों मे तेरे सर झुकाता,
बार बार वृंदावन में चला आता,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे बाँके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी,
मेरे कुंज बिहारी बड़े प्यारे लगते,
कही नज़र न लगे इनको हमारी।।
गायक / प्रेषक – कपिल खुराना।
9990026386