मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही

मेरे गणनायक तुम आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओ।। तर्ज – श्यामा आन बसों वृंदावन में। मेरी सखियाँ मुझसे पूछे है, कब आएंगे गजमुख बोलो, अब अष्ट विनायक आ जाओ, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे गणनायक तुम आ जाओं, मैं तो कबसे बाट निहार रही, मेरे … Continue reading मेरे गणनायक तुम आ जाओ मैं तो कबसे बाट निहार रही