मेरे घर आजा,
तेरे लाड लड़ाऊं,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं,
मीठे मीठे भजनों से,
तुझको रिझाऊं,
मेरें घर आजा,
तेरे लाड लडाऊ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं।।
तर्ज – रिमझिम बरसता सावन।
सतरंगी फूलों से मैंने,
घर द्वार सजाया,
तेरे लिए चूरमे का,
थाल सजाया,
केसर और चंदन का,
तिलक लगाऊं,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं,
मेरें घर आजा,
तेरे लाड लडाऊ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं।।
भक्तों को बुला के,
तेरा कीर्तन कराएंगे,
संकट कटेंगे तेरी,
ज्योत जलाएंगे,
केसरिया बागा बाबा,
तुझको पहनाउ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं,
मेरें घर आजा,
तेरे लाड लडाऊ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं।।
ग्यारस की रात बाबा,
कीर्तन कराएंगे,
भगत मुरादों वाली,
झोली भर ले जाएंगे,
भक्तों के संग ‘मंत्री’,
शीश नवाऊ,
भक्तों के संग ‘छोटू’,
शीश नवाऊँ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं,
मेरें घर आजा,
तेरे लाड लडाऊ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं।।
मेरे घर आजा,
तेरे लाड लड़ाऊं,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं,
मीठे मीठे भजनों से,
तुझको रिझाऊं,
मेरें घर आजा,
तेरे लाड लडाऊ,
माखन और मिश्री का,
भोग लगाऊं।।
गायक – द्वारका मंत्री देवास मप्र।
9425047895
लेखक – हर्ष पालीवाल छोटू।