हो मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
हुक्टी ले क बैठ ध्यान में,
सबने समझावः था,
सी.एम.की ज्युं चले काफला,
मेंहदीपुर जावः था,
दिया सबका मेट मलाल,
तेरी कितणी करूं बडाई,
हों मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
कई घंटे तक माला ले कः,
भजन करः बाबा का,
तेरे सिराणे फोटु रहः था,
ध्यान धरः बाबा का,
तेरा चेहरा हो गया लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई,
हों मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
जब बाबा प्रवेश करः था,
तेरः चढःथी मस्ती,
दुनिया के महां और नहीं स,
तेरे बराबर हस्ती,
ना भक्ति हो तेरी ढाल,
तेरी कितणी करूं बडाई,
हों मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
गुहणे आला एक नजर में,
परख लिया बाणे में,
तेरे कैसा भजन लिखिणया,
कोनया हरियाणे में,
देयी ठोक ताल प ताल,
तेरी कितणी करूं बडाई,
तेरी कितणी करूं बडाई,
हों मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
हो मेरे गुरू मुरारी लाल,
तेरी कितणी करूं बडाई।।
गायक – नरेंद्र कौशिक जी।
प्रेषक – राकेश कुमार खरक जाटान
(रोहतक) 9992976579