मेरे जीवन का रखवाला,
सांवरिया खाटू वाला,
मैंने जब जब खाई ठोकर,
मुझको सम्भालने वाला,
मैं तो पल पल पल पल,
श्याम तेरे गुण गाता हूँ,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
तर्ज – तेरी आंख्या को यो।
जब से दीदार किया है,
मन हो गया श्याम दीवाना,
दातार तेरे चरणों में,
जब से मिल गया ठिकाना,
तेरी किरपा देख मैं फुला नही समाता हूँ,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
देखे है देव हज़ारो,
नही ऐसा देव निराला,
जहाँ भरे हुए भंडारे,
नही लगता चाबी ताला,
लूटति है दया अपार लूट नही पाता हूं,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
मैं अब तक भटक रहा था,
दुनिया की रंग रलियों में,
अब तो मन अटक गया है,
तेरे खाटू की गलियों में,
भक्तो का मेला देख देख हर्षाता हूँ,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
अर्जी है श्याम रितिक की,
मन को मगरूर ना करना,
नादान किशन बृजवासी,
चरणों से दूर ना करना,
तेरा बन जाऊं बस इतना ही चाहता हूँ,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
मेरे जीवन का रखवाला,
सांवरिया खाटू वाला,
मैंने जब जब खाई ठोकर,
मुझको सम्भालने वाला,
मैं तो पल पल पल पल,
श्याम तेरे गुण गाता हूँ,
खाटू में जाकर मैं पागल हो जाता हूँ।।
Singer / Upload – Ritik jain
8595604431