मेरे कन्हैया मुझे भूल ना जाना,
जनम जनम का साथ हमारा,
अगले जनम भी साथ निभाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना।।
मैं दीवानी रंगी केसरिया,
श्याम श्याम रट बनी सांवरिया,
दिल दर्पण दर्पण में तुम हो,
इस दर्पण को तोड़ ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना।।
मैं बन जाऊं पाँव पेंजनिया,
तू मेरा साजन मैं तेरी सजनिया,
रिश्ता जनम हर जनम का अपना,
नया नहीं है बरसो पुराना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना।।
कदम बढाए तेरी डगरिया,
हाथ थाम लो मेरा सांवरिया,
मैं अंजना और ना अजनबी,
मैं हूँ तेरा जाना पहचाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना।।
मेरे कन्हैया मुझे भूल ना जाना,
जनम जनम का साथ हमारा,
अगले जनम भी साथ निभाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना,
मेरे कन्हैया मुझे भुल ना जाना।।
स्वर – रामकुमार जी लख्खा।