मेरे खाटू वाले बाबा के,
दरबार में भक्त जो आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है,
और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वालें बाबा के,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्री श्याम।।
तर्ज – है प्रीत जहाँ की रीत सदा।
सब कष्ट दूर हो जाते है,
सब दुखो को हर लेते है,
मेरे श्याम दयालु है ऐसे,
तन मन को निर्मल करते है,
सच्चे मन से जो ध्याता है,
वो दौड़े दौड़े आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है,
और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वालें बाबा के,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्री श्याम।।
गर जीवन सफल बनाना है,
तो श्याम की लगन लगाले तू,
इस मन के दर्पण में प्राणी,
उस श्याम प्रभु को बसा ले तू,
फिर करने पार तेरी नैया,
वो माझी बनकर आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है,
और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वालें बाबा के,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्री श्याम।।
मतलब की है दुनिया सारी,
मतलब के सारे नाते है,
जब विपदा आन पड़े कोई,
तब श्याम बचाने आते है,
कहता है ‘अमन’ हर दुखियों को,
मेरे श्याम प्रभु अपनाते है,
वो मन इच्छा फल पाते है,
और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वालें बाबा के,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्री श्याम।।
मेरे खाटू वाले बाबा के,
दरबार में भक्त जो आते है,
वो मन इच्छा फल पाते है,
और भवसागर तर जाते है,
मेरे खाटू वालें बाबा के,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्याम जय श्याम,
जय श्री श्याम।।
Singer – Mukesh Bagda
जय हो भाईसाब