मेरे प्यारे वतन,
खाते है कसम,
तेरे कदमो में जां तक,
लुटा जाएंगे,
मेरे प्यारें वतन,
खाते है कसम,
तेरे कदमो में जां तक,
लुटा जाएंगे,
सीने पर गोलियां,
तेरे ख़ातिर तो हम,
हँसते हँसते,
खुशी से ही खा जाएँगे,
मेरे प्यारें वतन।।
तर्ज – मेरे रश्के कमर।
फोड़ देंगे वो हर आँख,
दुश्मन की हम,
आंख नफरत से तुझको,
जो देखे सनम,
मौत भी तेरे सेवा में,
आ जाये तो,
मुस्कुराकर गले से,
लगा जाएंगे,
मेरे प्यारें वतन,
खाते है कसम,
तेरे कदमो में जां तक,
लुटा जाएंगे,
मेरे प्यारें वतन।।
जब तलक सांस,
चलती रहेगी मेरी,
दाग दामन में तेरे,
लगेगी नही,
जब जरूरत पड़ेगी,
हमारी तुझे,
बांध सर पे कफ़न,
अपने आ जाएंगे,
मेरे प्यारें वतन,
खाते है कसम,
तेरे कदमो में जां तक,
लुटा जाएंगे,
मेरे प्यारें वतन।।
मेरे प्यारे वतन,
खाते है कसम,
तेरे कदमो में जां तक,
लुटा जाएंगे,
सीने पर गोलियां,
तेरे ख़ातिर तो हम,
हँसते हँसते,
खुशी से ही खा जाएँगे,
मेरे प्यारें वतन।।
– गायक लेखक एवं प्रेषक –
सुभाष जी चौधरी।
8382836288
Bahut achchha friend
भारत माता की जय
Bhut good ease hi bhejte rhiye
I amit kushavaha up