मेरे सामने रहे तू,
जब भी मै आँख खोलूँ,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू।।
तर्ज – मुझे इश्क़ है तुझी से।
तेरे सिवा जहां में,
जो कुछ हैं सब छलावा,
ये जानकर मै क्यों दूँ,
दिल को मेरे बुलावा,
हर राह छोड कर मै,
तेरी राह पर ही हो लूँ,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू,
मेरे सामने रहे तू।bd।
तू साथ हैं जो मेरे,
मुझको नहीं कमी हैं,
दुनिया में हो अँधेरा,
मेरे घर में रोशनी हैं,
कितना भी गम सताए,
सतकर्म से ना डोलू,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू,
मेरे सामने रहे तू।bd।
दुश्मन बने जमाना,
मुझको नहीं फिकर हो,
हो हाथ तेरा सर पर,
सीधी तेरी नजर हो,
शिकवा ज़माने से क्या,
खुद को ही मै टटोलूं,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू,
मेरे सामने रहे तू।bd।
मानव का तन दिया है,
तेरी है मेहरबानी,
तेरा नाम लेते लेते,
बीते ये जिंदगानी,
जन्मो के पाप को मैं,
तेरा नाम लेके धोलूं,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू,
मेरे सामने रहे तू।bd।
मेरे सामने रहे तू,
जब भी मै आँख खोलूँ,
तेरा नाम निकले मुख से,
जो मै जुबां से बोलू।।